मेरे उस दिन न होने पर भी मेरी कविताएं तो होंगी! गीत होंगे ! सूरज की ओर मुंह किए खडा कनैल का झाड़ तो होगा!
Friday, December 31, 2010
रामधारी सिंह दिनकर मेरे प्रिय कवि रहे हैं। उनकी स्मृति में यह कविता प्रस्तुत कर रहा हूं.। शायद मेरा यह प्रयास आप सब के दिल में थोड़ी सी जगह पा जाए। आप सबको मेर प्रयास कैसा लगा,अवगत कराएगें ताकि भविष्य में इस तरह की कविताएं प्रस्तुत करता रहूं। नववर्ष-2011 की अशेष शुभकामनाओं के साथ—प्रेम सागर सिंह, कोलकाता।
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बच्चे
ऱामधारी सिंह’‘दिनकर’
जीचाहता है सितारों के साथ
कोई सरोकार कर लूँ
जिनकी रोशनी तक हाथ नही पँहुचते,
उन्हे दूर से प्यार कर लूँ।
जी चाहता है फूलों से कहूँ,
यार ! बात करो।
रात के अँधेरे में यहां कौन देखता है,
जो अफवाह फैलायेगा
कि फूल भी बोलते हैं,
अगर कोई दर्द का मारा मिल जाए,
तो उससे अपना भेद खोलते हैं ?
आदमी का मारा आदमी
कुत्ते पालता है।
मगर मैं घबराकर
बच्चों के पास जाना चाहता हूँ,
जहाँ निर्द्वन्ध हो कर बोलूँ,
हँसुँ गाऊँ,चुहलें मचाऊँ
और डोलूँ।
बूढों का हलकापन
बू़ढों को पसन्द नहीं आता हैं ।
मगर, बच्चे उसे प्यार करते हैं।
भगवान की कृपा है
कि वे अभी गंभीरता से डरते हैं।
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इसकी निरंतरता बनाए रखें ताकि हम अपने प्रताशस्तंभों के सामीप्य-वोध का अनुभव करते रहें।
ReplyDeleteमुझे भी बहुत प्रिय हैं दिनकर।
ReplyDeleteबूढों का हलकापन
ReplyDeleteबू़ढों को पसन्द नहीं आता हैं ।
मगर, बच्चे उसे प्यार करते हैं।
भगवान की कृपा है
कि वे अभी गंभीरता से डरते हैं।
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सच्चाई है जी
नव वर्ष 2011 आपके लिए मंगलमय हो हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट है...
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
सुंदर प्रस्तुति......नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाये.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना की प्रस्तुति के लिए धन्यवाद. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपके जीवन में बारबार खुशियों का भानु उदय हो ।
ReplyDeleteनववर्ष 2011 बन्धुवर, ऐसा मंगलमय हो ।
very very happy NEW YEAR 2011
आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |
satguru-satykikhoj.blogspot.com
बूढों का हलकापन
ReplyDeleteबू़ढों को पसन्द नहीं आता हैं ।
मगर, बच्चे उसे प्यार करते हैं।
भगवान की कृपा है
कि वे अभी गंभीरता से डरते हैं।
दिल को छूने वाली एक खूबसूरत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति. आभार.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.. कविता सुन्दर है..
ReplyDeleteआप सब को नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआद.प्रेम जी,
ReplyDeleteआपको सपरिवार नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ