Friday, June 24, 2011

शमशेर बहादुर सिंह :जन्मशति पर विशेष

यह हिंदी के अप्रतिम कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्मशती वर्ष है। उन्होंने एक बहुत सरल-सीधा जीवन जिया। लोग उन्हे जानें, उनकी कविताओं का प्रचार-मूल्यांकन हो उन्हे परवाह नही रही।अपने जीवन के दुखों और अकेलेपन को उन्होंने एक पारदर्शी भाषा में बदल दिया। उनकी कविता हिंदी की विशाल काव्य-परंपरा में अलग ही नजर आती है। उसमें उदात्त भावों का गुंफन है, गहरी संवेदना और मन को छू देने वाली सादगी है। वे जीवन के अनुभवों को बिंबों में बदल देते हैं।सागर की लहरें चमकती धूप में पछाड़ खाती हों -इस तरह उनके बिंब भाषा की सतह से उठते हैं और संवेदना का अनूठा ही संसार रच देते हैं। उनके भावों की दुनिया बड़ी ही निष्पाप है,कोमल और सघन है। वे सौंदर्य और प्रेम के कवि थे--पर सामान्य अर्थों में नहीं। उन्होंने सौंदर्य और प्रेम का एक भव्य,विराट और स्तब्ध कर देने वाला संसार रचा था। उनकी कविताएं कहीं-कहीं सुश्किल और जटिल संरचनाओं वाली लगती हैं, वे पाठक से भी धैर्य, साधना और निर्मल अंतस की मांग करती हैं। परंतु एक बार उनके काव्य-संसार में पहुँचने के बाद कोई भी उनके जादू से बच नही सकता। उनके शब्द बहुत धीमे बहुत आहिस्ता आपके सौंदर्यबोध को रूपांतरित करना और सीधे आपके अभ्यंतर से संवाद करना शुरू कर देते हैं। वे हिंदी के उस विस्मृत और दिनोंदिन खत्म होती गई साहित्य परंपरा के आखिरी लोगों में थे,जिनके लिए विचारों और मूल्यों के अनुरूप जीना ही जीवन का एकमात्र तरीका था-जो इस भाषा और देश को बनाने के संघर्ष में टूटते और एकाकी होते चले गए।
विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

4 comments:

  1. शमशेर बहादुर सिंह के अनुसार कलाकार जीवन के किसी जाहिरी रूप को अभिव्‍यक्‍त नहीं करता, वह उसके कलात्‍मक रूप को अभिव्‍यक्‍त करता है। उन्‍हें जहां एक ओर मनोवैज्ञानिक यर्थाथवादी कवि माना गया वहीं दूसरी ओर आत्‍मपरक कवि भी कहा गया है। इसका उचित कारण है। उनकी रचनाओं में सामाजिक विषयों का फैलाव नहीं है। जीवन के छोटे-छोटे सुख-दुख, विचार, मनःस्थितियां, उनकी कविताओं का विषय बनती है। लेकिन इन्‍हें वे उनके पूरे संदर्भों में देखकर चित्रित करते हैं।
    विनम्र श्रद्धांजलि!

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  2. शमशेर बहादुर सिंह जी के कृतित्व पर अच्छी जानकारी...

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  3. प्रेम बाबू!
    इस प्रस्तुति के लिये आपका आभार!! नमन शमशेर बहादुर को!!

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  4. प्रभावशाली प्रस्तुति, हमारी भी श्रद्धांजलि।

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