उपन्यासकार एवं लेखिका शिवानी की पुत्रीः मृणाल पाण्डेय
मृणाल पाण्डेय (जन्म: 1946) भारत की एक पत्रकार लेखक एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। सम्प्रति वे प्रसार भारती की अध्यक्षा हैं। अगस्त 2009 तक वे हिंदी दैनिक "हिन्दुस्तान" की संपादिका थीं। हिंदुस्तान भारत में सबसे ज्यादा पढे जाने वाले अखबारों में से एक हैं। वे हिंदुस्तान टाइम्स के हिन्दी प्रकाशन समूह की सदस्या भी हैं। इसके अलावा वो लोकसभा चैनल के साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम (बातों बातों में) का संचालन भी करती हैं। मृणाल पाडे का जन्म टीकमगढ, मध्यप्रदेश में 1946 में हुआ। इनकी मां जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका शिवानी थीं। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल में पूरी की। उसके बाद इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. किया। इन्होंने अग्रेजी एवं संस्कृति साहित्य, प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व शास्त्रीय संगीत तथा ललित कला की शिक्षा कारकारन (वाशिंगटन डी. सी.) से पूरी की। 21 वर्ष की उम्र में उनकी पहली कहानी हिंदी साप्ताहिक धर्मयुग में छपी। तब से वो लगातार लेखन कर रही हैं। समाज सेवा में उनकी गहरी रूचि रही है। वो कुछ वर्षों तक Self employed Women Commission की सदस्या रही हैं। अप्रैल 2008 में इन्हें (PTI) की बोर्ड सदस्या भी बनाया गया। वरिष्ठ पत्रकार व लेखिका मृणाल पाण्डे को केद्र सरकार ने प्रसार भारती का अध्यक्ष नियुक्त किया। प्रसार भारती के अंतर्गत आकाशवाणी व दूरदर्शन का संचालन किया जाता है। पाण्डे ने जनवरी, 2010 में अरुण भटनागर की जगह यह कार्यभार संभाला। उल्लेखनीय है कि मृणाल पाण्डे प्रख्यात लेखिका शिवानी की पुत्री हैं और हिंदी दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान की प्रधान सम्पादिका रह चुकी हैं।
कहानीः- 1.यानी कि एक बात थी 2.बचुली चौकीदारिन की कढ़ी 3.एक स्त्री का विदागीत 4.चार दिन की जवानी तेरी ।
उपन्यासः- 1. अपनी गवाही 2. हमका दियो परदेस 3. रास्तों पर भटकते हुए पटरंग देवी 4. ओ ओबेरी
आलेखः- जहाँ औरतें गढ़ी जाती है।
लघु कथाः- 1. चमगादड़े 2. बीच 3. बिब्बो
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मृणाल पाण्डेय जी की जानकारी से रूबरू करने के लिए आभार !
ReplyDeleteइनका चित्र दिखाई नही दे रहा ...|
शुभकामनाएँ|
परिचय कराने का आभार...
ReplyDeleteमृणाल पहले दूरदर्शन पर समाचार भी बोलती थीं। शिवानी इनकी माँ हैं, नई बात पता चली।
ReplyDeleteपरिचय कराने के लिये आभार...
ReplyDeleteहमारे कुमाऊ के प्रशिद्ध लेखकों में से एक हैं शिवानी जी| धन्यवाद|
ReplyDeleteसंयोग की बात है कि अभी मैंने कालिंदी पढ़ी अब भैरवी मेरे हाथ में है...मृणाल पाण्डेय जी से हमारा नन्हा सा संबंध भी रहा था कभी...मेरी माताजी की पैदाइश भी टीकमगढ़ की है..यानि मेरा ननिहाल है वो.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा पढ़ कर.
धन्यवाद.
विद्या जी ,Patali- The -Village, कैलाश शर्मा जी आप सबका आभार ।
ReplyDeleteमृणाल जी का लोक-सभा चैनल पर दिखाया जाने वाला कार्यक्रम बहुत ही रोचक हुआ करता था.. इंटरव्यू लेने का इससे बेहतर ढंग हो ही नहीं सकता.. "कादम्बिनी" पत्रिका के लिए गौरव की बात थी इनका संपादक होना..
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट काफी दिनों बाद ब्लॉग-रोल पर दिखी है!!
bhai sab...
ReplyDeleteMain to hruday se Shivani ji ka prashansak raha hun...haan ye to jaanta tha ki Mrunal Pande ji unki suputri hain par aaj itne vistaar se aapki post se hi jaan saka....
aapka dhanyavad...
Deepak Shukla...
दीपक शुक्ला जी आपका दिल से आभार ।
ReplyDeleteप्रेम जी,...नई जानकारी एवं परिचय कराने के लिए आभार,....
ReplyDeleteमेरे पोस्ट के लिए "काव्यान्जलि" मे click करे
Very nice and informative presentation about Mrinal Pandey.Thanks.
ReplyDeleteलेकिन कादम्बिनी में वो बात नहीं रही जो पहले हुआ करती थी..
ReplyDeleteआदरणीय मनोज कुमार जी,
ReplyDeleteबहुत दिनों के बाद आपका आगमन हुआ । इस अंतराल में मेर दो प्रिय पोस्ट "मेरे हमसफर उदास न हो" एवं " न काहूँ से दोस्ती, न काहूँ से बैर" आपकी प्रतिक्रियायों से वंचित रह गया । आशा करता हूँ कि आप इन पोस्टों पर भी आकर मेरा मनोबल बढ़ाएंगे । धन्यवाद ।
I was lucky to meet shivaniji and mrinalji in lucknow when I was a student in 1972
ReplyDeleteReading about her revived my memories and made me nostalgic.Thanks