कहते हैं, तारे गाते हैं
(हरिवंश राय बच्चन)
प्रस्तुतकर्ता : प्रेम सागर सिंह
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का यह राग नहीं हम सुन पाते हैं ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथ्वी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों में तारों के नीरव आँसू आते हैँ ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
ऊपर देव, तले मानवगण,
नभ में दोनों गायन-रोदन,
राग सदा ऊपर को उठता, आँसू नीचे झर जाते हैं ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का यह राग नहीं हम सुन पाते हैं ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथ्वी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों में तारों के नीरव आँसू आते हैँ ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
ऊपर देव, तले मानवगण,
नभ में दोनों गायन-रोदन,
राग सदा ऊपर को उठता, आँसू नीचे झर जाते हैं ।
कहते हैं, तारे गाते हैं ।
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bahut sunder..aabhar aapka jo ye utkrisht rachna ham tak pahunchayi.
ReplyDeleteधन्यवाद !
Deleteबहुत सुंदर सार्थक प्रयास // बेहतरीन रचना को हम तक पहुचाने का //
ReplyDeleteMY RECENT POST ....काव्यान्जलि ....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....
बच्चन जी की कवितायें अनमोल हैं ..
ReplyDeleteधन्यवाद !
धन्यवाद !
ReplyDeleteधन्यवाद !
ReplyDeleteइस अनमोल खूबसूरत रचना के लिए आभार आपका...
ReplyDeleteअनुपम रचना...सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteबच्चन की सुन्दर रचना |
ReplyDeleteप्रेम सरोवर में पा जाता |
तन मन को शीतल कर देती -
सस्वर पाठ करके हर्साता ||
बच्चब जी की बेहतरीन रचना पढ़वाने के लिए आभार!
ReplyDeleteएक उत्कृष्ट रचना पढवाने के लिये आभार....
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार ...
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - ज़िंदा रहना है तो चलते फिरते नज़र आओ - ब्लॉग बुलेटिन
धन्यवाद शिवम मिश्रा जी ।
ReplyDeletebachchan ji ki rachnaaye padhwane ke liye apka bahut bahut abhar..
ReplyDeleteआपकी यह बच्चन रचानावली बहुत सी पहले पढ़ी रचनाओं से साक्षात्कार का अवसर प्रदान कर रही है!! आभार प्रेम बाबू!!
ReplyDelete"अगणित ओस-कणों में तारों के नीरव आँसू आते हैँ ।"
ReplyDeleteवाह ! बच्चन जी को नमन और आपका धन्यवाद।
राग सदा ऊपर को उठता, आँसू नीचे झर जाते हैं ।
ReplyDeleteकहते हैं, तारे गाते हैं ।
बेहतरीन रचना पढ़कर अच्छा लगा..
ReplyDeleteवाह ... बहुत ही मनमोहक रचना ... लाजवाब गीत है बच्चन जी का ...
ReplyDeleteused cycles london uk
ReplyDeleteExcellent Working Dear Friend Nice Information Share all over the world.God Bless You.
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