रामदरश मिश्र
आज धरती पर झुका आकाश तो अच्छा लगा
सिर किये ऊँचा खड़ी है घास तो अच्छा लगा
सिर किये ऊँचा खड़ी है घास तो अच्छा लगा
आज फिर लौटा सलामत राम कोई अवध में
हो गया पूरा कड़ा बनवास तो अच्छा लगा
हो गया पूरा कड़ा बनवास तो अच्छा लगा
था पढ़ाया मांज कर बरतन घरों में रात-दिन
हो गया बुधिया का बेटा पास तो अच्छा लगा
हो गया बुधिया का बेटा पास तो अच्छा लगा
लोग यों तो रोज़ ही आते रहे, आते
रहे
आज लेकिन आप आये पास तो अच्छा लगा
आज लेकिन आप आये पास तो अच्छा लगा
क़त्ल, चोरी, रहज़नी
व्यभिचार से दिन थे मुखर
चुप रहा कुछ आज का दिन ख़ास तो अच्छा लगा ।
चुप रहा कुछ आज का दिन ख़ास तो अच्छा लगा ।
ख़ून से लथपथ हवाएँ ख़ौफ-सी उड़ती रहीं
आँसुओं से नम मिली वातास तो अच्छा लगा
है नहीं कुछ और बस इंसान तो इंसान है
है जगा यह आपमें अहसास तो अच्छा लगा
है जगा यह आपमें अहसास तो अच्छा लगा
हँसी हँसते हाट की इन मरमरी महलों के बीच
हँस रहा घर-सा कोई आवास तो अच्छा लगा
हँस रहा घर-सा कोई आवास तो अच्छा लगा
रात कितनी भी धनी हो सुबह आयेगी ज़रूर
लौट आया आपका विश्वास तो अच्छा लगा
लौट आया आपका विश्वास तो अच्छा लगा
आ गया हूँ बाद मुद्दत के शहर से गाँव में
आज देखा चँदनी का हास तो अच्छा लगा
आज देखा चँदनी का हास तो अच्छा लगा
दोस्तों की दाद तो मिलती ही रहती है सदा
आज दुश्मन ने कहा–शाबाश तो अच्छा लगा ।
आज दुश्मन ने कहा–शाबाश तो अच्छा लगा ।
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बहुत सुंदर!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
होलिकोत्सव की शुभकामनाएँ!
बहुत सही ।
ReplyDeleteरात सोये तो संशय यही, कहीं कल हो न हो,
ReplyDeleteआँख खुली और चलने लगी साँस तो अच्छा लगा।
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteये मेरी पसंदीदा रचनाओं में से एक है...
शुक्रिया.
दोस्तों की दाद तो मिलती ही रहती है सदा
ReplyDeleteआज दुश्मन ने कहा-शाबाश तो अच्छा लगा ।
बहुत सुंदर रचना।
मन तृप्त हुआ मिश्र जी को पढ़कर।
होली की शुभकामनाएं।
बहुत बहुत अच्छी कविता..आभार
ReplyDeleteहै नहीं कुछ और बस इंसान तो इंसान है
ReplyDeleteहै जगा यह आपमें अहसास तो अच्छा लगा ...
behatreen gazal padhwaane le liye aapka abhaar prem sarovar jee...
regards.
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति की बेहतरीन रचना लगी श्री रामदरस जी की पढवाने के लिए
ReplyDelete...आभार
फालोवर बन गया हूँ आप भी बने खुशी होगी,और संग आने जाने का बना रहेगा,...
NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
बहुत बहुत अच्छी कविता| होली की शुभकामनाएं।
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