Friday, December 30, 2011

पिछले साठ वर्षों सेः केदार नाथ सिंह

अपनी पीढ़ी को शब्द देना मामूली काम नही हैः केदार नाथ सिंह

आज मैं एक ऐसे कवि के बारे में कुछ कहने जा रहा हूँ जिनकी कविताएं साहित्य-जगत की अनमोल थाती सिद्ध होती जा रही हैं एवं उनके समकालीनों ने इसे स्वीकार्य भी किया है ।ऐसे ही एक कवि हैं केदारनाथ सिंह जिनकी लेखनी का जादू जिस पर चल गया, वह उन्ही का होकर रह गया। उन लोगों में से मैं भी एक हूँ जो उनकी रचनाओं के साथ जिया एवं उनके साथ अब तक जुड़ा रहा। कवि केदारनाथ को समझना एक बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि उन्होंने वर्तमान युग के साहित्यकारों की पीढ़ी को अभिव्यक्ति के लिए शब्द दिया है। केदार नाथ सिंह के लिए कविता ठहरी हुई अथवा अपरिचित दान में मिली हुई जड़ वस्तु नही है। इसके ठीक युग के विपरीत समय का पीछा करती हुई, उनके अमानवीय चेहरे को बेनकाब करती एक जीवंत प्रक्रिया है। इसके अंतर्गत उनके शब्द अपना क्षितिज क्रमशः विस्तृत करते गए हैं। केदार नाथ सिंह समय के साथ लगातार जिरह करने वाले कवियों में रहे हैं। उनकी प्रत्येक कविता में भावों का गुंफन है, तीखी संवेदना है एवं एक जानी पहचानी आत्मीयता है जो कहीं न कहीं हमारे मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत कर रहा हूँ उनकी एक कविता पिछले साठ वर्षों से जो हमें उस हृदय-कुंज के बीते वासर के विवर में कुछ सोचने के लिए और थोड़ा झाँकने के लिए वाध्य कर देती है । आशा ही नही अपितु मेरा पूर्ण विश्वास है कि उनकी यह कविता उनकी अन्य कविताओं की तरह आपके कोमल मन में थोड़ी सी जगह सुरक्षित करने में सर्वभावेन एवं सर्वरूपेण अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल सिद्ध होगी। बंधुओं, नया साल-2012 आ रहा है, हम सबके लिए अंतहीन खुशियों का सौगात लेकर। नव वर्ष के लिए मैं उन तमाम ब्लॉगर बंधुओं को जो इस ब्लॉग के यात्रा में इस सफर के साथी रहे है, यदि मुझसे बडे़ हैं, तो उनको सादर प्रणाम एवं लघु जनों को नित्य प्रति का स्नेहाशीष । विधाता से मेरी कामना है कि आने वाला वर्ष आप सबको मनोवांछित फल प्रदान करने के साथ-साथ वो मुकाम एवं मंजिल तक भी पहुचाएं जहाँ तक पहुँचने के लिए आज तक आप अहर्निश प्रयासरत रहे हैं। इस थोड़े से सफर में जाने या अनजाने में मुझसे कोई त्रुटि हो गयी हो तो मैं आप सबसे क्षमा प्रार्थी हूँ । नव वर्ष-2012 के लिए मंगलमय एवं पुनीत भावनाओं के साथ ..आप सबका ही....... प्रेम सागर सिंह

पिछले साठ वर्षों से

पिछले साठ वर्षों से

एक सूई और धागे के बीच

दबी हुई है माँ

हालाँकि वह खुद एक करघा है

जिस पर साठ बरस बुने गए हैं

धीरे-धीरे तह पर तह

खूब मोटे गझिन और खुरदुरे

साठ बरस।

जब वह बहुत ज्यादा थक जाती है

तो उठा लेती है सुई और तागा

मैंने देखा है कि सब सो जाते हैं

तो सुई चलाने वाले उसके हाथ

देर रात तक

समय को धीरे-धीरे सिलते हैं

जैसे वह मेरा फटा हुआ कुर्ता हो ।

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29 comments:

  1. केदारनाथ सिंह की बात ही अद्भुत है! यहाँ उनके बारे में कुछ और बताते तो अच्छा होता।

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  2. चंदन कुार जी .
    अगले पोस्ट में पूर्ण जानकारी लेकर पुनः उपस्थित होने का प्रयत्न करूंगा । धन्यवाद ।

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  3. समय को धीरे-धीरे सिलते हैं
    जैसे वह मेरा फटा हुआ कुर्ता हो ।

    केदारनाथ सिंह जी की बात ही अलग है .

    vikram7: आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें.....

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  4. केदारनाथ सिंह जी के बारे में जाना अच्छा लगा !
    आपके ब्लॉग पे हर पोस्ट में कुछ न कुछ अलग जानकारी
    के साथ अद्भुत प्रस्तुति होता है !

    ये पंक्तियाँ दिल को छू गई !
    जब वह बहुत ज्यादा थक जाती है

    तो उठा लेती है सुई और तागा

    मैंने देखा है कि सब सो जाते हैं

    तो सुई चलाने वाले उसके हाथ

    देर रात तक

    समय को धीरे-धीरे सिलते हैं

    जैसे वह मेरा फटा हुआ कुर्ता हो ।

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  5. केदारनाथ सिंह जी का जादु हम पर भी चला है । सच मै बहोत अच्छे कवी है ।

    हमारे ब्लॉग पर आने के लिये धन्यवाद ।

    हिंदी ब्लॉग

    हिन्दी दुनिया ब्लॉग

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  6. bahut sunder jankari ke sath is kavita ko padhane ke liye aabhar.

    meri nayi post par apka swagat hai.

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  7. केदारनाथ जी के भावजगत का खुलासा करती बेहतरीन कविता आपने पढवाई .हमें सौभाग्य मिला था एक मर्तबा हिंदी भवन से लौटते हुए उनकी कार में लिफ्ट मांगकर बैठने का .जोधपुर ओफिस्रस होस्टिल पंडारा रोड तक का यह सफ़र बड़ा बढ़िया लगा .बड़े सहृदय लम्हे रहे वह हमारे लिए आप एक और नाम चीन साहित्यकार के साथ तमाम रास्ते बतियाते रहे और हम सारी चर्चा सम्मोहन भाव लिए सुनते रहे .
    नव वर्ष पर बड़ी कोमल भावनाएं आपने सभी चिठ्ठाकारों के प्रति उड़ेली हैं आप भी उनमे डूबकी लगाएं सुख पाएं अपनी ही भावना का दोहन करें .

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  8. प्रेम जी,..बहुत सुंदर जानकारी,परिचय कराने के लिए आभार ,.....
    नए साल की बहुत२ शुभकामनाये बधाई,...

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

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  9. कविता बहुत मार्मिक है।

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  10. मां के उन खुरदुरे हाथों को नमन। केदार सम्मान की वार्षिक प्रथा अब उनकी याद दिलाती रहती है। उच्च कोटि के इस कवि के बारे में जानकारी के लिए साधुवाद॥

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  11. केदार जी एक सुन्दर कविता की प्रस्तुति के लिए आभार
    केदार जी की कवितायेँ बहुत पसंद हैं मुझे ..प्रस्तुति के लिए आभार

    केदार जी एक कृति जो मुझे बहुत पसंद है...

    नये दिन के साथ.
    एक पन्ना खुल गया कोरा..
    हमारे प्यार का.
    सुबह
    इस पर कहीं अपना नाम तो लिख दो...
    बहुत से मनहूस पन्नों में,इसे भी कहीँ रख दूंगा
    और जब जब हवा आकर,उड़ा जायेगी अचानक बन्द पन्नों को
    कहीं भीतर,
    मोरपंखी का तरह रक्खे हुए उस नाम को
    हर बार पढ़ लूंगा....

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  12. आसुतोष भाई, आपने तो आते ही पहले बाल पर छक्का मार दिया । आपकी प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बढ़ा है । बेहतरीन प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । नव वर्ष -2012 के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  13. कवि केदारनाथ को समझना एक बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि उन्होंने वर्तमान युग के साहित्यकारों की पीढ़ी को अभिव्यक्ति के लिए शब्द दिया है। केदार नाथ सिंह के लिए कविता ठहरी हुई अथवा अपरिचित दान में मिली हुई जड़ वस्तु नही है।

    Sateek baat, key point for study.

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  14. कवि केदारनाथ को समझना एक बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि उन्होंने वर्तमान युग के साहित्यकारों की पीढ़ी को अभिव्यक्ति के लिए शब्द दिया है। केदार नाथ सिंह के लिए कविता ठहरी हुई अथवा अपरिचित दान में मिली हुई जड़ वस्तु नही है।


    मैंने देखा है कि सब सो जाते हैं

    तो सुई चलाने वाले उसके हाथ

    देर रात तक

    समय को धीरे-धीरे सिलते हैं

    जैसे वह मेरा फटा हुआ कुर्ता हो ।


    Sateek baat, key point for study.

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  15. पूर्णतया सहमत, सच में बहुत कठिन कार्य है यह।

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  16. इतनी खूबसूरत रचना पढवाने के लिए आभार.

    नए साल कि हार्दिक शुभकामनाये.

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  17. अच्छी लगी यह पोस्ट. नये साल की शुभकामनायें.

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  18. ...सुई चलाने वाले उसके हाथ

    देर रात तक

    समय को धीरे-धीरे सिलते हैं..

    अत्यंत प्रभावशाली , नए साल कि हार्दिक शुभकामनाये.

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  19. बहुत सुन्दर वाह! गुरुपर्व और नववर्ष की मंगल कामना

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  20. .सुई चलाने वाले उसके हाथ
    देर रात तक
    समय को धीरे-धीरे सिलते हैं..

    बहुत प्रभावशाली,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.

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  21. ,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
    vikram7: आ,साथी नव वर्ष मनालें......

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  22. कवि केदारनाथ जी के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा.
    उनकी रचना दिल को छूती है.

    नववर्ष आपको शुभ और मंगलमय हो,यही मेरी दुआ और कामना है.

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  23. केदारनाथ जी का परिचय अच्छा लगा...रचना बहुत मर्मस्पर्शी और दिल को छू जाती है..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

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  24. आप और आप के परिवार को नव वर्ष की हार्दिक बधाई .....:) अलग तरह की पोस्ट .... पढ़ कर अच्छा लगा .....

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  25. अच्छी पोस्ट..नववर्ष की शुभकामनायें...

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  26. Very good post! I liked it!

    I wish you a very happy peaceful and prosperous new year 2012.

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  27. केदारनाथ जी को मै अक्सर पढ़ती हु..
    उनकी रचनाओ में ग्रामीण लोक जीवन का गतिशील आकर्षक रूप देखने को मिलता है .
    " आकाल में सारस " उनकी यह रचना मुझे बहुत पसंद है ..इसके लिए उन्हें साहित्यिक आकादमी पुरस्कार भी मिला है
    बेहतरीन पोस्ट .

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