tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post6068429631853689179..comments2023-11-03T18:55:18.541+05:30Comments on प्रेम सरोवर: आषाढ़ का एक दिनप्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-26593034555337874182016-05-07T05:36:00.113+05:302016-05-07T05:36:00.113+05:30मैं तो पूरा नाटक ढूंढ रहा हूँ।मैं तो पूरा नाटक ढूंढ रहा हूँ।Vikash Yadavhttps://www.blogger.com/profile/08188385214512199737noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-31920403715146508252013-05-19T18:14:25.088+05:302013-05-19T18:14:25.088+05:30शानदार समीक्षा के लिए बधाई। मैं स्वयं इस नाटक में...शानदार समीक्षा के लिए बधाई। मैं स्वयं इस नाटक में मातुल का किरदार निभा चुका हूं। समीक्षा पढ़कर संतुष्ट हुआ। पुन: बधाई। - एम. अखलाक<br />एम. अखलाकhttps://www.blogger.com/profile/17435163778879589387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-34764051305470252562013-05-19T18:08:40.626+05:302013-05-19T18:08:40.626+05:30शानदार समीक्षा के लिए बधाई। मैं स्वयं इस नाटक में...शानदार समीक्षा के लिए बधाई। मैं स्वयं इस नाटक में मातुल का किरदार निभा चुका हूं। समीक्षा पढ़कर संतुष्ट हुआ। पुन: बधाई। - एम. अखलाक<br />एम. अखलाकhttps://www.blogger.com/profile/17435163778879589387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-37890453009564773202012-12-31T11:48:38.479+05:302012-12-31T11:48:38.479+05:30...आषाढ का एक दिन...दिल को अंदर से हिला कर रख देने......आषाढ का एक दिन...दिल को अंदर से हिला कर रख देने वाली कृति है!...इस कहानी पर नाटक मंचन होना,वाकई प्रशंसनीय है!...लेखक राकेश मोहन जी की प्रस्तुति अद्वितीय है!...नए वर्ष की शुभ कामनाओं सहित!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-75306725202200896422012-12-20T22:25:59.496+05:302012-12-20T22:25:59.496+05:30मोहन राकेश मेरे भी प्रिय लेखक हैं.
यहाँ देर से पहु...मोहन राकेश मेरे भी प्रिय लेखक हैं.<br />यहाँ देर से पहुँची हैं इसके लिए क्षमा चाहती हूँ.<br />पोस्ट ने अंत तक बाँधे रखा.<br />आप ने नाटक के भावपक्ष को बेहद सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है.<br />अद्भुत प्रेम कहानी!<br />पाठक को खुद में पूरी तरह समो लेने वाली प्रभावी शैली में आप ने समीक्ष्ताम्क विश्लेषण किया गया.<br />बधाई.<br /><br />Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-87555092509266246822012-12-17T21:13:32.376+05:302012-12-17T21:13:32.376+05:30rakesh ji aap bahut acchhe hai kyo ki yah lekh pur...rakesh ji aap bahut acchhe hai kyo ki yah lekh pura darshan hai bahut-bahut dhanyabad.सूबेदारhttps://www.blogger.com/profile/15985123712684138142noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-44554377321069737042012-12-16T21:03:42.757+05:302012-12-16T21:03:42.757+05:30 मोहन राकेश को पढना अच्छा लगा..बहुत बढ़िया लेख।..... मोहन राकेश को पढना अच्छा लगा..बहुत बढ़िया लेख।...आभारMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-44012091046319121542012-12-15T22:30:17.592+05:302012-12-15T22:30:17.592+05:30धन्यवाद पीयू जी। आशा करता हूं आप सदैव मेरा प्रोत्स...धन्यवाद पीयू जी। आशा करता हूं आप सदैव मेरा प्रोत्साहन करती रहेंगी। धन्यवाद सहित ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-21343977097410909272012-12-15T22:29:26.148+05:302012-12-15T22:29:26.148+05:30धन्यवाद वीरेंद्र कुमार जी। आशा करता हूं आप सदैव मे...धन्यवाद वीरेंद्र कुमार जी। आशा करता हूं आप सदैव मेरा प्रोत्साहन करते रहेंगे। धन्यवाद सहित ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-9990346144572010952012-12-15T22:26:54.962+05:302012-12-15T22:26:54.962+05:30धन्यवाद वीणा जी। आशा करता हूं आप सदैव मेरा प्रोत्स...धन्यवाद वीणा जी। आशा करता हूं आप सदैव मेरा प्रोत्साहन करती रहेंगी। धन्यवाद सहित ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-27781286114572535692012-12-15T20:19:12.705+05:302012-12-15T20:19:12.705+05:30अच्छा विश्लेषण...
पोस्ट छोटा हो या बड़ा...पाठक को ...अच्छा विश्लेषण...<br />पोस्ट छोटा हो या बड़ा...पाठक को बांधे रखे, यह जरूरी है....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-71494589205478541232012-12-13T21:12:10.113+05:302012-12-13T21:12:10.113+05:30आपकी संवेदनात्मक अनुभूति से प्रसन्न हूं। आशा है भव...आपकी संवेदनात्मक अनुभूति से प्रसन्न हूं। आशा है भविष्य में आप किनारे पर खड़े होकर भी मंझधार में होंगे। धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-12221705331272258462012-12-13T14:43:45.206+05:302012-12-13T14:43:45.206+05:30कालीदास और मल्लिका के रिश्ते की संवेदना को इसे पढक...कालीदास और मल्लिका के रिश्ते की संवेदना को इसे पढकर महसूस किया जा सकता है. बहुत अद्भुत लेखन और समीक्षात्मक विश्लेषण, शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-66241096852456608842012-12-13T10:48:31.868+05:302012-12-13T10:48:31.868+05:30बहुत बढ़िया लेख। इसमें संकलित जानकारियाँ पाठकों के...बहुत बढ़िया लेख। इसमें संकलित जानकारियाँ पाठकों के सामने महाकवि कालिदास के जीवन के एक दूसरे पहलू को पाठकों के सामने लाती है।यह मल्लिका का शाश्वत प्रेम ही रहा जिसने उन्हें महाकवि बनाया है।प्रेम का अर्थ है जिनसे प्रेम हो उनकी बेहतरीन के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देना इसका मल्लिका ने अनुपम उदाहरण पेश किया।<br />(मेरे ब्लॉग को फॉलो करने के लिए धन्यवाद।) Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-80508356853966280272012-12-13T09:21:56.955+05:302012-12-13T09:21:56.955+05:30Achambhaa hai, main is 'sarovar' ke kinaar...Achambhaa hai, main is 'sarovar' ke kinaare ab tak kyon nahi aaya.Prabodh Kumar Govilhttps://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-46189816545935107302012-12-12T00:09:41.023+05:302012-12-12T00:09:41.023+05:30sundar vishleshan..abhar
sundar vishleshan..abhar<br />kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-44142961276374987552012-12-11T21:23:33.982+05:302012-12-11T21:23:33.982+05:30एक बार मैं अपना संस्मरण थोड़ी सी जगह बलॉग पर डाला ...एक बार मैं अपना संस्मरण थोड़ी सी जगह बलॉग पर डाला था लेकिन अधिकांश लोगों ने पोस्ट छोटा करने के लिए अपनी प्रतिक्रिया दिया था। इसलिए इस पोस्ट में से अधिकांश रोचक एवं घनीभूत बातों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया हूं। आपके आगमन से मेरा मनोबल बढ़ा है। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-47893547352919900782012-12-11T17:59:23.310+05:302012-12-11T17:59:23.310+05:30एक महान कृति का बहुत ही सुन्दर विश्लेषणात्मक परिचय...एक महान कृति का बहुत ही सुन्दर विश्लेषणात्मक परिचय .....साभार !!! Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-55257631471649756322012-12-11T12:38:44.151+05:302012-12-11T12:38:44.151+05:30अन्योन्य =अन्य
मैं और आप अलग अलग नहीं हैं परस्पर...अन्योन्य =अन्य <br /><br />मैं और आप अलग अलग नहीं हैं परस्पर आश्रित हैं अन्य या गैर नहीं हैं कृपया आयें और हमारा भी मान बढायें .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-62290596313664723322012-12-11T12:29:22.421+05:302012-12-11T12:29:22.421+05:30प्रेम सरोवर जी मेरा आपका मतलब हमारा हम ब्लोगियों क...प्रेम सरोवर जी मेरा आपका मतलब हमारा हम ब्लोगियों का भी अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है इसे बनाए रहें .आभार .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-48026871814154974662012-12-11T09:38:58.741+05:302012-12-11T09:38:58.741+05:30 आपके ब्लाग पर नियमित आता रहता हूँ मुझे बहुत अच्छा... आपके ब्लाग पर नियमित आता रहता हूँ मुझे बहुत अच्छा भी लगता है लेकिन साहित्य के प्रति आलोचनात्मक दृष्टि पैनी नहीं होने की वजह से टिप्पणी करने से बचता रहा हूँ। आपने आषाढ़ का एक दिन की इतनी सुंदर शब्दों में व्याख्या की, इसके लिए धन्यवाद। मुझे तो ये लगता है कि पोस्ट थोड़ी और लंबी होनी चाहिए थी ताकि हम कालिदास और मल्लिका के द्वंद्व पर और बारीक नजर डाल पाते। गंभीर साहित्य की जो परंपरा हमारे यहाँ स्थगित होती जा रही है उसे आप जैसे प्रतिभासंपन्न लोग पुनः स्थापित करेंगे,आपके ब्लाग को देखकर यह भरोसा दृढ़ हो चला है।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-42606251529598626992012-12-10T03:16:01.732+05:302012-12-10T03:16:01.732+05:30रोचक ...बेहतरीन!!रोचक ...बेहतरीन!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-39437223671118170422012-12-09T12:06:55.503+05:302012-12-09T12:06:55.503+05:30सुन्दर कृति को उतने ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया...सुन्दर कृति को उतने ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है ... मोहन राकेश की लेखनी विलक्षण थी ... कालजयी लेखन को नमन ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-50706875558616369032012-12-09T02:03:52.058+05:302012-12-09T02:03:52.058+05:30.बहुत सुन्दर प्रस्तुति .बधाई
प्रयास सफल तो आज़ाद...<br /> .बहुत सुन्दर प्रस्तुति .बधाई <br /><a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">प्रयास सफल तो आज़ाद असफल तो अपराध </a>[कानूनी ज्ञान ] और [कौशल ].<a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">शोध -माननीय कुलाधिपति जी पहले अवलोकन तो किया होता .</a>पर देखें और अपने विचार प्रकट करें Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-12917408669066777152012-12-08T07:16:17.240+05:302012-12-08T07:16:17.240+05:30सदा जी, आपकी प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बढ़ा है। धन...सदा जी, आपकी प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बढ़ा है। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.com