tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post5981697391106042317..comments2023-11-03T18:55:18.541+05:30Comments on प्रेम सरोवर: अमृता प्रीतमप्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-27522662052383596882012-08-29T16:11:51.854+05:302012-08-29T16:11:51.854+05:30आपने बहुत ही सारगर्भित बात कही है।आपने बहुत ही सारगर्भित बात कही है।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-57316196057415771262012-08-29T15:32:02.596+05:302012-08-29T15:32:02.596+05:30अमृता प्रीतम आज के समय की शशक्त हस्ताक्षर रही हैं ...अमृता प्रीतम आज के समय की शशक्त हस्ताक्षर रही हैं ... गुजारते समय और कठिन समय को जिस तरह उन्होंने उतारा वो सजीव उतारना हरकिसी के बस का नहीं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-1957872633507581062012-08-29T12:39:53.708+05:302012-08-29T12:39:53.708+05:30बहुत सुंदर रचना
विषय आत्ममंथन को मजबूर करती है।बहुत सुंदर रचना<br />विषय आत्ममंथन को मजबूर करती है।महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-36402404352770373702012-08-29T07:12:08.037+05:302012-08-29T07:12:08.037+05:30सर, आपने ठीक ही कहा है- लोगों की मान्यता है कि परि...सर, आपने ठीक ही कहा है- लोगों की मान्यता है कि परिश्रम के बदले कुछ अवश्य मिलना चाहिए। प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-85316359597816268052012-08-28T22:10:55.626+05:302012-08-28T22:10:55.626+05:30इस तर्क से मुझे लगता है कि हर लेखक छोटा बनने की चा...इस तर्क से मुझे लगता है कि हर लेखक छोटा बनने की चाहत रखता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-27383596503258001732012-08-28T21:57:51.531+05:302012-08-28T21:57:51.531+05:30तेरे इश्क के हाथ से छूट गयी
और जिन्दगी की हन्डिया ...तेरे इश्क के हाथ से छूट गयी<br />और जिन्दगी की हन्डिया टूट गयी<br />इतिहास का मेहमान<br />मेरे चौके से भूखा उठ गया….<br /><br />अमृता प्रीतम को पढना अच्छा लगा!Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-461563820480518602012-08-28T21:56:47.759+05:302012-08-28T21:56:47.759+05:30बात अंजाम तक पहुँचने से पहले रास्ते में ही गुम हुई...बात अंजाम तक पहुँचने से पहले रास्ते में ही गुम हुई राजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/02628010904084953893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-32642645127996731482012-08-28T21:56:13.168+05:302012-08-28T21:56:13.168+05:30अमृता प्रीतम की रचनाओं को काफी पहले से पढता आया हू...अमृता प्रीतम की रचनाओं को काफी पहले से पढता आया हूँ किन्तु उनको पास से तब जाना जब चौबीस-पच्चीस वर्ष पहले उनकी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' पढ़ी. उन्होंने उस सच को भी बेबाकी से बयां किया है जिसमे लोग संकोच करते हैं. <br />तभी जाना कि लोग आत्मकथा लिखते ही कहाँ है, लोग तो आत्मप्रशंसा लिखते हैं. आत्मकथा तो केवल अमृता ही लिख पाई.<br /><br />यह रचना भी अमृता के उसी अंदाज की बानगी है. प्रस्तुति के लिए आभार !!शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-53323836313202856942012-08-28T18:11:39.031+05:302012-08-28T18:11:39.031+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुती ....
अमृता प्रीतम को पढना हमे...बहुत सुंदर प्रस्तुती ....<br />अमृता प्रीतम को पढना हमेशा ही मुझे अच्छा लगा! Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-48804682073124106642012-08-28T15:39:10.559+05:302012-08-28T15:39:10.559+05:30बहुत सार्थक चिंतन और सुन्दर रचना...आभार बहुत सार्थक चिंतन और सुन्दर रचना...आभार Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-88940285333554329392012-08-28T12:55:11.259+05:302012-08-28T12:55:11.259+05:30गहरी बात और बहुत सुन्दर कविता .
सादर .गहरी बात और बहुत सुन्दर कविता . <br />सादर .Meeta Panthttps://www.blogger.com/profile/12779276657208706061noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-73520531238846564592012-08-27T23:33:44.864+05:302012-08-27T23:33:44.864+05:30मैं दिल के एक कोने में बैठी हूं
तुम्हारी याद इस तर...मैं दिल के एक कोने में बैठी हूं<br />तुम्हारी याद इस तरह आयी<br />जैसे गीली लकड़ी में से<br />गहरा और काला धूंआ उठता है….!<br /><br />बहुत सुन्दर...<br /><br />आभार...***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-85270058107247675862012-08-27T22:36:57.277+05:302012-08-27T22:36:57.277+05:30अमृता जी को सामने लाने के लिये आभार !अमृता जी को सामने लाने के लिये आभार !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-86320611379738279342012-08-27T22:13:09.682+05:302012-08-27T22:13:09.682+05:30सबसे पहले मेरे ब्लॉग उद्गम पर आने के लिए एवं सरा...सबसे पहले मेरे ब्लॉग उद्गम पर आने के लिए एवं सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद...!!<br />अमृता जी के बारे में तो क्या कहें...सूरज को रौशनी दिखाने वाली बात है ...कविता का एक एक अक्षर अनमोल लगा |<br /><br />आपका,<br />ऋषिRishihttps://www.blogger.com/profile/11603381727898525933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-53399729299451478772012-08-27T22:06:04.667+05:302012-08-27T22:06:04.667+05:30आनंद आ गया।आनंद आ गया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-46363230529775040232012-08-27T17:43:11.865+05:302012-08-27T17:43:11.865+05:30अमृता जी को पढ़ना बहुत अच्छा लगा..आभार..अमृता जी को पढ़ना बहुत अच्छा लगा..आभार..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-24048485843778527082012-08-27T17:21:45.280+05:302012-08-27T17:21:45.280+05:30अमृता प्रीतम की कवितायें एक अनोखे लोक में ले जाती ...अमृता प्रीतम की कवितायें एक अनोखे लोक में ले जाती हैं...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-58649058478139350282012-08-27T11:56:47.618+05:302012-08-27T11:56:47.618+05:30अमृता जी को पढ़ना सदैव मन को सुकून देता है ...आपका...अमृता जी को पढ़ना सदैव मन को सुकून देता है ...आपका आभार इस प्रस्तुति के लिए सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-53365324473330156692012-08-27T10:54:35.374+05:302012-08-27T10:54:35.374+05:30sarthak prastuti .amrita ji ke sansmaran padhna sa...sarthak prastuti .amrita ji ke sansmaran padhna sadaiv rochak lagta hai .aabhar Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-56203585128057183892012-08-27T09:41:48.357+05:302012-08-27T09:41:48.357+05:30सार्थक और सामयिक पोस्ट , आभार.
मेरे ब्लॉग " ...<br />सार्थक और सामयिक पोस्ट , आभार.<br /> मेरे ब्लॉग " meri kavitayen "की नवीनतम पोस्ट पर आपका स्वागत है .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-71951508679790188732012-08-27T09:29:23.309+05:302012-08-27T09:29:23.309+05:30bahut hee sundarbahut hee sundarसुरेन्द्र "मुल्हिद"https://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-91268316133288207982012-08-27T08:35:55.557+05:302012-08-27T08:35:55.557+05:30अमृता प्रीतम जी से इस विषय पर पूर्ण सहमति है।अमृता प्रीतम जी से इस विषय पर पूर्ण सहमति है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com