tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post8649834269477033465..comments2023-11-03T18:55:18.541+05:30Comments on प्रेम सरोवर: आज भी कबीर जनमानस में रचे बसे हैंप्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comBlogger50125tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-7895136791568640182012-05-30T19:02:44.473+05:302012-05-30T19:02:44.473+05:30सुन्दर लेखसुन्दर लेखआशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-79665869253487827882012-05-30T13:59:49.348+05:302012-05-30T13:59:49.348+05:30Bahuthee badhiya aalekh!Bahuthee badhiya aalekh!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-61350226480909824332012-05-30T06:48:33.426+05:302012-05-30T06:48:33.426+05:30धन्यवाद ।धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-10801733093845497922012-05-30T06:09:24.847+05:302012-05-30T06:09:24.847+05:30सर, आपकी प्रतिक्रियाओं ने इस पोस्ट को और भी अधिक र...सर, आपकी प्रतिक्रियाओं ने इस पोस्ट को और भी अधिक रूचिकर एवं पठनीय बना दिया है। आपके आगमन से मन एक सुखद एहसास की अनुभूति से पुलकित हो गया । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-83613190185561193222012-05-29T23:17:33.733+05:302012-05-29T23:17:33.733+05:30विषमताग्रस्त समाज में जागृति पैदा कर लोगों को भक्त...विषमताग्रस्त समाज में जागृति पैदा कर लोगों को भक्ति का नया मार्ग दिखाना इनका उद्देश्य था। जिसमें वे काफी हद तक सफल भी हुए। उन्होंने हिंदु-मुस्लिम एकता के प्रयास किए। उन्होंने राम और रहीम के एकत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने दोनों धर्मों की कट्टरता पर समान रूप से फटकार लगाई। वे मूर्ति पूजा और कर्मकांड का विरोध करते थे। वे भेद-भाव रहित समाज की स्थापना करना चाहते थे। उन्होंने ब्रह्म के निराकार रूप में विश्वास प्रकट किया। एकेश्वरवाद के समर्थक संत कबीरदास का मानना था कि ईश्वर एक है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-1607202866902927482012-05-29T21:21:49.729+05:302012-05-29T21:21:49.729+05:30आपकी तार्किक टिप्पणी से मेरा मनोबल बढ़ा है । आशा ह...आपकी तार्किक टिप्पणी से मेरा मनोबल बढ़ा है । आशा है भविष्य में भी आप मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-15112183764444860122012-05-29T14:13:21.453+05:302012-05-29T14:13:21.453+05:30kabir ne lagbhag har vishay par likha...aage ke le...kabir ne lagbhag har vishay par likha...aage ke lekhakon ne kavbir ka hi anusaran kiya...utatam prastuti...Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-65698126930185787762012-05-29T13:10:47.014+05:302012-05-29T13:10:47.014+05:30उत्कृष्ट रचना के लिए आभार ...उत्कृष्ट रचना के लिए आभार ...smshindi By Sonuhttps://www.blogger.com/profile/02157490730225902218noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-63037653912955717482012-05-29T06:47:36.194+05:302012-05-29T06:47:36.194+05:30कबीर ने सभी धर्मों के आडम्बरों पे खुलकर चिकोटी का...कबीर ने सभी धर्मों के आडम्बरों पे खुलकर चिकोटी काटी है, और जो भी<br />कहा खुलकर कहा बिना किसी लाग-लपट के.<br />सुन्दर लेखRajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-69388189081124816312012-05-29T01:06:50.032+05:302012-05-29T01:06:50.032+05:30कबीर के दोहे न सिर्फ उस काल के लिए सार्थक थे बल्कि...कबीर के दोहे न सिर्फ उस काल के लिए सार्थक थे बल्कि आज भी उतने ही सार्थक हैं और अगर देखें तो ये सिर्फ हिन्दुस्तान के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए तर्कसंगत है. धर्म-जाति से बाहर कोई अपनी सोच ले ही नहीं जाता, और शायद यही वजह है कि दुनिया का सबसे ज्यादा विनाश इसी कारण हो रहा है. ऐसे में कबीर, गांधी और बुद्ध सत्य और सही राह दिखाते हैं परन्तु समझते हुए भी हम अधर्मी होते हैं. कबीर के दोहे और सूक्तियों में समाज की विसंगतियों पर प्रहार है. बहुत अच्छी समीक्षात्मक व्याख्या, धन्यवाद.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-38475864390299227902012-05-28T20:46:29.814+05:302012-05-28T20:46:29.814+05:30आपका आभार ।आपका आभार ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-36295803862296194202012-05-28T19:39:16.032+05:302012-05-28T19:39:16.032+05:30कबीर पंथ आज भी उतना ही खरा उतरता है हमारी सामजिक ,...कबीर पंथ आज भी उतना ही खरा उतरता है हमारी सामजिक ,मानसिक सम्वेदनाओं पर ...!!<br />मनुश्य के अंतर्मन का और समाजिक व्यवस्था का कितना सूक्श्म अध्ययन किया होगा ...!!<br />सारगर्भित प्रयास ...<br /><br />शुभकामनायें...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-28437027918155168972012-05-28T19:31:48.573+05:302012-05-28T19:31:48.573+05:30इस पोस्ट में तो नही बल्कि अपनी डायरी में अक्षूत को...इस पोस्ट में तो नही बल्कि अपनी डायरी में अक्षूत को सही रूप में लिख लिया हूं । यह टंकण संबंधी भूल थी । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-24525395067521520132012-05-28T15:56:55.566+05:302012-05-28T15:56:55.566+05:30हर बार की तरह एक और उत्कृष्ट प्रस्तुति... आभार ...हर बार की तरह एक और उत्कृष्ट प्रस्तुति... आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-79132831411866290222012-05-28T15:42:01.686+05:302012-05-28T15:42:01.686+05:30प्रिय प्रेम जी सुन्दर ..सार्थक और समृद्ध लेख ..ईश...प्रिय प्रेम जी सुन्दर ..सार्थक और समृद्ध लेख ..ईश्वर एक है सब उसके अंश हैं भाईचारा बना रहे - भ्रमर 5 <br />भ्रमर का दर्द और दर्पणSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-34846359112664502942012-05-28T14:59:29.419+05:302012-05-28T14:59:29.419+05:30बहुत सारगर्भित आलेख...आभारबहुत सारगर्भित आलेख...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-71181404430114883832012-05-28T13:57:19.733+05:302012-05-28T13:57:19.733+05:30कुछ मनुष्यों को स्पर्श के योग्य और कुछ को "अक...कुछ मनुष्यों को स्पर्श के योग्य और कुछ को "अक्षूत" मानते हैं । हिंदू-समाज के भीतर प्रचलित इस रूढ़ि के खिलाफ कबीर साहब ने जीवन-पर्यंत संघर्ष किया और सारी जिंदगी वे हिंदुओं को समझाते रहे कि जन्म से भी मनुष्य समान हैं, ऊंच-नीच का भेद कर्म उत्पन्न करते हैं। अतएव, जन्म से एक को ब्राह्मण और दूसरे को शूद्र मत समझो, क्योंकि ऐसा विभेद करने का कोई आधार नही है ।मेरी तू जात क्या पूछती है मुन्नी ,<br />शियाओं में सिया हूँ ,सुन्नियों में सुन्नी .<br />आपका सतत प्रयास श्लाघनीय है .कृपया "अछूत "शुद्ध रूप लिख लें उद्धृत पैरा में .<br />और यहाँ भी दखल देंवें -<br />ram ram bhai<br />सोमवार, 28 मई 2012<br />क्रोनिक फटीग सिंड्रोम का नतीजा है ये ब्रेन फोगीनेस<br />http://veerubhai1947.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-38109482438850899762012-05-28T12:59:03.570+05:302012-05-28T12:59:03.570+05:30Kabir ne unki sakhi, sabad aur ramaini mein bahay ...Kabir ne unki sakhi, sabad aur ramaini mein bahay adambar ke prati jan manas mein jis tarah se ek samaj sudharak ki sachhi bhumika nibhai aur aatdhyatm ka gyan diya hai wah aaj bhi utna hi prasangi hai jitna us samay,.,<br />aapne bahut hi sundar prastuti dee hai..aapka aabhar!Kavita Rawathttps://www.blogger.com/profile/13692856110867825187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-20967795818638145872012-05-28T12:57:37.197+05:302012-05-28T12:57:37.197+05:30आपका प्रयास हर बार सफल ही नहीं होता वरन मानस पटल प...आपका प्रयास हर बार सफल ही नहीं होता वरन मानस पटल पर अंकित हो जाता है .. बधाई..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-77512601044923894512012-05-28T12:52:45.104+05:302012-05-28T12:52:45.104+05:30कबीर के समाजसुधारक रूप से परिचित करता एक ज्ञान वर्...कबीर के समाजसुधारक रूप से परिचित करता एक ज्ञान वर्धक लेख....उत्कृष्ट रचना के लिए बधाई!shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-845415842782257782012-05-28T12:24:38.589+05:302012-05-28T12:24:38.589+05:30समृद्ध आलेख!समृद्ध आलेख!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-78332902567763527932012-05-28T12:08:20.633+05:302012-05-28T12:08:20.633+05:30कबीर कोई उपदेश नहीं दे रहे थे। वे आध्यात्मिक अनुभव...कबीर कोई उपदेश नहीं दे रहे थे। वे आध्यात्मिक अनुभवों को व्यक्त कर रहे थे। कबीर के अऩुभवों को आत्मसात करने के लिए जड़ता को त्यागना ज़रूरी था,इसलिए,कबीर बहुधा उपदेशात्मक प्रतीत होते हैं। जैसे आध्यात्मिक मूल्य शाश्वत हैं,वैसे ही कबीर भी हमेशा हमारे बीच बने रहेंगे।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-70655027679729082512012-05-28T11:27:53.787+05:302012-05-28T11:27:53.787+05:30आप के यहाँ तो...ज्ञान का खजाना बांटा जाता है ....
...आप के यहाँ तो...ज्ञान का खजाना बांटा जाता है ....<br />आभार और शुभकामनाएँ!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-74073603470305113382012-05-28T09:56:52.143+05:302012-05-28T09:56:52.143+05:30kकबीर जैसे संत की आज बहुत जरूरत है लेकिन आजकल के ढ...kकबीर जैसे संत की आज बहुत जरूरत है लेकिन आजकल के ढोंगी साधु समाज को क्या देंगे सिवा अंध विश्वासों के। कबीर का एक एक शब्द आज भी मह्क़त्वपूर्ण प्रासंगिक है । बढिया प्रस्तुति। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-76283067610565219302012-05-28T07:28:09.584+05:302012-05-28T07:28:09.584+05:30Bahut hi achha paryaas......Bahut hi achha paryaas......Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.com