tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post8552245050490400975..comments2023-11-03T18:55:18.541+05:30Comments on प्रेम सरोवर: प्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-14709763788141578512011-04-25T10:49:33.139+05:302011-04-25T10:49:33.139+05:30आपकी भावनाओं से सहमत हूँ.आपकी भावनाओं से सहमत हूँ.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-19625091322073752712011-03-20T11:50:45.772+05:302011-03-20T11:50:45.772+05:30होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में ...होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामनाBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-68475275402069849322011-03-19T12:29:24.092+05:302011-03-19T12:29:24.092+05:30बहुत सुन्दर रचना! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
आपको एव...बहुत सुन्दर रचना! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!<br />आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-47892440187592738082011-03-18T19:33:20.506+05:302011-03-18T19:33:20.506+05:30आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाये...आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!rajesh singh kshatrihttps://www.blogger.com/profile/05830899015565164627noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-72901700262345776162011-03-02T22:51:33.209+05:302011-03-02T22:51:33.209+05:30धूमिल’ जी की बहुचर्चित रचना ‘कविता’ ...
अच्छी प्रस...धूमिल’ जी की बहुचर्चित रचना ‘कविता’ ...<br />अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई तथा शुभकामनाएं|Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-11469613694333133152011-02-16T17:49:21.571+05:302011-02-16T17:49:21.571+05:30नही-अब वहां अर्थ खोजना व्यर्थ है
पेशेवर भाषा के तस...नही-अब वहां अर्थ खोजना व्यर्थ है<br />पेशेवर भाषा के तस्कर-संकेतों<br />और बैलमुत्ती इबारतों में<br />अर्थ खोजना व्यर्थ है<br /><br />बिल्कुल सही बात कही है धूमल जी ने।<br />आपका आभार आप हमें अच्छी रचनायें उपलब्ध करवाते हैं।Mukeshhttps://www.blogger.com/profile/10419400047507603499noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-81471622836211319952011-02-10T17:22:31.904+05:302011-02-10T17:22:31.904+05:30सुन्दर प्रस्तुति .सुन्दर प्रस्तुति .Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-80459141742661563432011-02-09T11:01:59.839+05:302011-02-09T11:01:59.839+05:30नही-अब वहां अर्थ खोजना व्यर्थ है
पेशेवर भाषा के तस...नही-अब वहां अर्थ खोजना व्यर्थ है<br />पेशेवर भाषा के तस्कर-संकेतों<br />और बैलमुत्ती इबारतों में<br />अर्थ खोजना व्यर्थ है<br />हाँ, हो सके तो बगल से गुजरते हुए आदमी से कहो-<br />लो, यह रहा तुम्हारा चेहरा,<br />यह जुलुस के पीछे गिर पड़ा था<br />इस वक्त इतना ही काफी है<br /><br /><br />नंगा कर दिया, सब कुछ जैसे नंगा सच है। कविता पढ़ते ही बरबस ही मुंह से निकलता रहा बापरे बापरे...बहुत खूब।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-28404278136597420602011-02-09T10:50:13.158+05:302011-02-09T10:50:13.158+05:30वह बहुत पहले की बात है
जब कही, किसी निर्जन में
आदि...वह बहुत पहले की बात है<br />जब कही, किसी निर्जन में<br />आदिम पशुता चीखती थी और<br />सारा नगर चौंक पड़ता था<br />मगर अब-<br />अब उसे मालूम है कि कविता<br />घेराव में<br />किसी बौखलाए हुए आदमी का<br />संक्षिप्त एकालाप है<br /><br />अंदर तक बेधती है ये लाईन। ऐसी महान कृतियों को पढ़ना अपने आप में ही रोमांच पैदा कर देता है।Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-90141212874688336392011-02-09T07:42:24.775+05:302011-02-09T07:42:24.775+05:30pream sarover or bhartira nagrik ne sahi kaha
sabk...pream sarover or bhartira nagrik ne sahi kaha<br />sabka aabharOM KASHYAPhttps://www.blogger.com/profile/13225289065865176610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-72773508552929500652011-02-08T21:45:40.361+05:302011-02-08T21:45:40.361+05:30सलील जी,केवल राम जी, डा.मोनिका वर्मा एवं भातीय नाग...सलील जी,केवल राम जी, डा.मोनिका वर्मा एवं भातीय नागरिक जी आप सबको मेरा अभिवादन।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-85703968078823985322011-02-08T04:02:46.876+05:302011-02-08T04:02:46.876+05:30बहुत मर्मस्पर्शी रचनायें हैं...बहुत मर्मस्पर्शी रचनायें हैं...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-85576425720922426102011-02-08T01:14:30.992+05:302011-02-08T01:14:30.992+05:30संवेदनशील शब्दों से अलंकृत ...सुंदर कवितासंवेदनशील शब्दों से अलंकृत ...सुंदर कविता डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-60702375907769464982011-02-07T21:25:32.758+05:302011-02-07T21:25:32.758+05:30केवल राम जी,
पाण्डेय शब्द छूट गया था। इसे आपके सुझ...केवल राम जी,<br />पाण्डेय शब्द छूट गया था। इसे आपके सुझाव पर जोड़ दिया। धन्यवाद।<br />अपनी टिप्पणी के साथ हाजिर होने का कष्ट करें।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-61686290153161186452011-02-07T20:28:49.866+05:302011-02-07T20:28:49.866+05:30धूमिल जी कि कविता तो क्रांति की मशाल हैं... आपने इ...धूमिल जी कि कविता तो क्रांति की मशाल हैं... आपने इनकी कविता प्रस्तुत कर एक प्रशंसनीय कार्य किया है. प्रेम बाबू धन्यवाद!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-31538754996525847012011-02-07T20:28:05.172+05:302011-02-07T20:28:05.172+05:30This comment has been removed by the author.चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-29506573749638393572011-02-07T19:41:56.416+05:302011-02-07T19:41:56.416+05:30और हत्या अब लोगों की रूचि नही-
आदत बन चुकी है
वह ...और हत्या अब लोगों की रूचि नही-<br />आदत बन चुकी है<br /><br />वह किसी गँवार आदमी की उब से<br />पैदा हुई थी और<br />एक पढ़े लिखे आदमी के साथ<br />शहर में चली गयी<br /><br />बहुत कुछ अनकहा भी कहती हैं आपके द्वारा प्रस्तुत ये रचनाएं. आभार आपका इन्हें सामने लाने के लिये...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-66449431259070409462011-02-07T14:25:38.373+05:302011-02-07T14:25:38.373+05:30...............की कविता
..........................................की कविता <br /><br />............................<br /><br />किसी बौखलाए हुए आदमी का <br /><br />संक्षिप्त एकालाप है ..<br /><br /> नंगे यथार्थ का सार्थक मार्मिक चित्रण <br /><br />धूमिल जी की कविता से रूबरू कराने के लिए आभार !सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-17036489885903056172011-02-07T13:52:08.007+05:302011-02-07T13:52:08.007+05:30धूमिल जी की कविताएं तो कालजयी हैं।
आपका धन्यवाद , ...धूमिल जी की कविताएं तो कालजयी हैं।<br />आपका धन्यवाद , उनकी कविता यहां प्रस्तुत करने के लिए।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-38898127566133219902011-02-07T11:29:48.280+05:302011-02-07T11:29:48.280+05:30कृपया सुदामा पाण्डेय "धूमिल" कर लें .. ट...कृपया सुदामा पाण्डेय "धूमिल" कर लें .. टिप्पणी फिरकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-72301095158750871752011-02-07T10:14:48.295+05:302011-02-07T10:14:48.295+05:30ek gambhir rachna ko share karne ke liye bahut bah...ek gambhir rachna ko share karne ke liye bahut bahut dhanyawad...:)<br /><br />apka intzaar mere blog pe rahega..1मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-19594858512951431392011-02-07T08:29:13.751+05:302011-02-07T08:29:13.751+05:30कविता का एकांत संघर्ष।कविता का एकांत संघर्ष।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com