tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post2260278144857080147..comments2023-11-03T18:55:18.541+05:30Comments on प्रेम सरोवर: नकेनवादप्रेम सरोवरhttp://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-36686142224172348222021-02-01T08:40:34.557+05:302021-02-01T08:40:34.557+05:30श्री नरब्देश्वर प्रसाद सिन्हा 'श्री नरेश '...श्री नरब्देश्वर प्रसाद सिन्हा 'श्री नरेश ' नकेन के नरेश हैं।<br />वे मेरे पिता जी थे जो जन सम्पर्क विभाग बिहार सरकर में Additional Director के पद से रिटायर हुए।<br />जब पिता जी बी ए कर रहे थे उसी समय उनकी रचना " गोश्त और दाने " उस कक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया था। नलिन जी और केसरी जी उनके अच्छे मित्र थे और उन लोगों का हमारे कदमकुआं, पटना वाले घर पर आना जाना लगा रहता था। पिता जी के साहित्यिक योगदान के बारे ज्यादा कुछ मालूम नहीं है क्यूंकि उस समय हमलोग बहुत छोटे थे। इतना मालूम है कि हैदराबाद से प्रकाशित " कल्पना" , धर्मयुग आदि पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होते रहती थीं। "गोधूली" नामक पुस्तक भी उन्होंने लिखा था।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00985176975602398340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-55635922762741610472020-07-04T00:57:03.001+05:302020-07-04T00:57:03.001+05:30सर नरेश कुमार के विषय में जानकारी दें! सर नरेश कुमार के विषय में जानकारी दें! Shubham kumari pandeyhttps://www.blogger.com/profile/17296315845879453090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-63460003003773391392018-11-05T14:39:53.910+05:302018-11-05T14:39:53.910+05:30This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06026565028506209258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-27941048042661075032018-07-07T11:45:59.112+05:302018-07-07T11:45:59.112+05:30बहुत ढूंढने के बाद नकेनवाद पर सारगर्भित जानकारी मि...बहुत ढूंढने के बाद नकेनवाद पर सारगर्भित जानकारी मिली बहुत-बहुत आभार आपका ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16195215827534356544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-46222172742097116772018-01-05T12:59:34.653+05:302018-01-05T12:59:34.653+05:30नकेनवाद पर बहुत श्रेष्ठ एवं सारगर्भित जानकारी । इस...नकेनवाद पर बहुत श्रेष्ठ एवं सारगर्भित जानकारी । इसके लिए लेखक का हार्दिक आभार ।<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07667053741191182640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-47770595948809327912017-08-03T10:42:01.930+05:302017-08-03T10:42:01.930+05:30आज मैं भी प्रेम सरोवर से जुड़ गया हूँ |यहाँ डॉ.पुनी...आज मैं भी प्रेम सरोवर से जुड़ गया हूँ |यहाँ डॉ.पुनीत बिसारिया जी को भी देखा अच्छा लगा |नकेन वाद पर जानकारी अच्छी लगी |<br />रमेश कुमार गोहे ,बिलासपुर छ.ग.चार ढानाhttps://www.blogger.com/profile/16334704127379857450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-75388430099372778802013-02-19T21:21:21.637+05:302013-02-19T21:21:21.637+05:30https://www.facebook.com/photo.php?fbid=5621257304...https://www.facebook.com/photo.php?fbid=562125730464834&set=a.267217509955659.73800.100000022358712&type=1<br />हिंदी साहित्य में नकेनवाद की त्रयी (नलिनविलोचन शर्मा, केसरी कुमार माथुर और नरेश मेहता) के महत्त्वपूर्ण कवि आचार्य नलिनविलोचन शर्मा का जन्म 16 फ़रवरी सन 1916 को पटना में हुआ था। वे पटना विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफ़ेसर थे। उन्होंने हिंदी साहित्य को छायावाद की ऐन्द्रियजालिक कविताओं तथा साम्यवाद की पोस्टरनुमा कविताओं से अलग प्रयोगवाद की पूर्वपीठिका के रूप में प्रपद्यवाद या नकेनवाद की अवधारणा दी, जिससे प्रभावित होकर अज्ञेय ने कालान्तर में प्रयोगवाद का तारसप्तकीय आन्दोलन खडा किया। उन्होंने शब्द की महत्ता को सर्वोपरि माना और कविता में संगीत,लय का भी किया। उनका मत था कि गद्य और पद्य विरोधी न होकर एक दूसरे के पूरक होते हैं . इसीलिये कथालेखन में भी उन्होंने सिद्धहस्तता का परिचय दिया। उनकी कहानियाँ मनोविश्लेशणात्मक हैं। वे एक उच्च कोटि के समीक्षक भी थे। सूत्रात्मक शैली की समीक्षा की हिंदी में शुरुआत आपने ही की थी। आचार्य नलिनविलोचन शर्मा द्वारा रेणु के अमर उपन्यास मैला आँचल की समीक्षा के बाद ही यह उपन्यास हिन्दी साहित्य जगत में अपना स्थान अर्जित कर सका था। काव्यशास्त्रीय विवेचन के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी सर्वतोभावेन प्रतिभा का परिचय देते हुए कुछ मौलिक उद्भावनाएँ दीं। हिंदी में चेंबर ड्रामा या वेश्म नाट्य को प्रारंभ करने का श्रेय भी उन्हें है। वे एक कुशल सपादक भी थे। दृष्टिकोण, साहित्य, कविता आदि पत्रिकाओं का उन्होंने संपादन किया। सन 1954 में उन्होंने प्रख्यात दलित राजनेता बाबू जगजीवन राम की अंग्रेजी में इसी नाम से जीवनी लिखकर साहित्य जगत को उनकी समाजसेवा से अवगत कराया। 13 सितम्बर, सन 1961 को प्राध्यापकीय साहित्य सृजन का यह नक्षत्र चिर निद्रा में सो गया। उनकी साहित्यिक साधना का विवरण निम्नांकित है- <br />1- दृष्टिकोण, आलोचना 1947<br />2- विष के दाँत, कहानी संग्रह <br />3- नकेन के प्रपद्य, कविताएँ 1956<br />4- साहित्य का इतिहास दर्शन, साहित्येतिहास 1960<br />5- मानदण्ड, निबन्ध संग्रह 1963<br />6- हिंदी उपन्यास विशेषतः प्रेमचंद, आलोचना 1968<br />7- Jagjivan Ram (Biography) 1954<br />8- साहित्य : तत्व और आलोचना मरणोपरांत सन 1995 में उनकी धर्मपत्नी कुमुद शर्मा एवं डॉ श्रीरंजन सूरिदेव द्वारा सम्पादित एवं प्रकाशित <br />जो लोग प्राध्यापकीय लेखन को निकृष्ट कहकर ख़ारिज करते हैं उन्हें आचार्य नलिनविलोचन शर्मा जैसे महान साहित्यकार के कृतित्व पर अवश्य नज़र दौड़ानी चाहिए। ऐसे अमर साहित्य शिल्पी को मेरी कृतज्ञ भावांजलि।Dr. Puneet Bisariahttps://www.blogger.com/profile/02333168105267968615noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-68279318414723830352011-12-17T14:06:06.331+05:302011-12-17T14:06:06.331+05:30नलिन , केसरी और नरेश जी का ये नकेन हिंदी साहित्य ...नलिन , केसरी और नरेश जी का ये नकेन हिंदी साहित्य में एक मिल का पत्थर साबित हुआ. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-1423180953131767382011-12-16T20:44:14.489+05:302011-12-16T20:44:14.489+05:30नाकेवाद पर सुन्दर प्रस्तुति !
आभार प्रेम सरोवर जी...नाकेवाद पर सुन्दर प्रस्तुति !<br />आभार प्रेम सरोवर जी......avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-58035188707618146432011-12-16T19:29:41.831+05:302011-12-16T19:29:41.831+05:30ati uttam prastuti..ati uttam prastuti..मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-20479443142407671882011-12-16T11:40:15.691+05:302011-12-16T11:40:15.691+05:30बेहतरीन पोस्ट !
आभार ...!बेहतरीन पोस्ट ! <br />आभार ...!Jeevan Pushphttps://www.blogger.com/profile/15866178821083740220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-49602361945464196782011-12-16T10:05:41.031+05:302011-12-16T10:05:41.031+05:30नाकेवाद पर सुन्दर प्रस्तुति !
आभार प्रेम जी !नाकेवाद पर सुन्दर प्रस्तुति !<br />आभार प्रेम जी !ज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-24024628326971046672011-12-16T07:58:50.948+05:302011-12-16T07:58:50.948+05:30bahut achcha laga aapke blog par aakar kuch achche...bahut achcha laga aapke blog par aakar kuch achche lekhakon ke vishya me jankari mili.aur kavita to bahut achchi lagi.aabhar.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-13905344315901841282011-12-16T06:19:59.608+05:302011-12-16T06:19:59.608+05:30fantastically written
n very informative too :)
...fantastically written<br /><br />n very informative too :) <br />thanks 4 visiting me !!Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-90938522908859061992011-12-16T05:36:32.708+05:302011-12-16T05:36:32.708+05:30श्री जयकृष्ण राय तुषार एवं शशि पाण्डेय जी आप दोनों...श्री जयकृष्ण राय तुषार एवं शशि पाण्डेय जी आप दोनों का आभार ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-56399977800162313352011-12-16T00:08:05.506+05:302011-12-16T00:08:05.506+05:30very nice post.mere blog pe aane ka shukriya...very nice post.mere blog pe aane ka shukriya...Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak )https://www.blogger.com/profile/17344650599515970488noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-43784503733003781162011-12-15T23:14:58.104+05:302011-12-15T23:14:58.104+05:30भाई प्रेम जी बहुत सुन्दर पोस्ट और कविता |भाई प्रेम जी बहुत सुन्दर पोस्ट और कविता |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-39062209545995563822011-12-15T19:14:27.753+05:302011-12-15T19:14:27.753+05:30नाके वाद पर लिखी बहुत ही उम्दा प्रस्तुति आभार समय ...नाके वाद पर लिखी बहुत ही उम्दा प्रस्तुति आभार समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है <br />http://mhare-anubhav.blogspot.com/Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-49775983570790860012011-12-15T09:44:00.188+05:302011-12-15T09:44:00.188+05:30महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करने के लिए आभारमहत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करने के लिए आभारwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-3698346063533383912011-12-15T09:23:04.902+05:302011-12-15T09:23:04.902+05:30नलिन विलोचन शर्मा जी की रचना के साथ उनके बारे में ...नलिन विलोचन शर्मा जी की रचना के साथ उनके बारे में विस्तृत<br />जानकारी देने के लिए आभार|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-3254501973800281262011-12-14T23:43:55.274+05:302011-12-14T23:43:55.274+05:30लिख रहा हूँ-
घर के शहर में जीता रहा हूँ
और मरने के...लिख रहा हूँ-<br />घर के शहर में जीता रहा हूँ<br />और मरने के बाद भी<br />जीता रंगा : एक लाकेट में कैद,<br />किसी दीवार पर टंगा चित्रार्पित,<br /><br />एक स्मृति-पट पर रक्षित अदृश्य<br /><br /><br /> bahut sundar ... abhar.Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-61806927713459131692011-12-14T21:22:23.615+05:302011-12-14T21:22:23.615+05:30बेहद सुन्दर ..नकैनवाद पर बहुत ही सार्थक आलेख ....ज...बेहद सुन्दर ..नकैनवाद पर बहुत ही सार्थक आलेख ....ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराने हेतु हार्दिक आभार ...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16174745947449762169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-15373487787002033382011-12-14T21:19:16.291+05:302011-12-14T21:19:16.291+05:30This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16174745947449762169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-55328594908817955442011-12-14T18:51:15.713+05:302011-12-14T18:51:15.713+05:30नाकें वाद पे लिखी उम्दा प्रस्तुति है ...नाकें वाद पे लिखी उम्दा प्रस्तुति है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2376773658616156998.post-3245377899321391092011-12-14T17:03:08.211+05:302011-12-14T17:03:08.211+05:30Thanx, for comment on my blog..
aaj ki aapki post ...Thanx, for comment on my blog..<br />aaj ki aapki post sarthak aur gyanvardhak hae.sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.com